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उचित समय पर कौन सा पाठ करे ?
उचित समय पर देवी-देवताओं के पाठ और भक्ति करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है। यह न केवल आध्यात्मिक रूप से लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक तनाव, नकारात्मकता और अशुभ प्रभावों को भी कम करता है | जैसा की हम जानते है ईश्वर ही सब कुछ है त्वमाधि देवः पुरुषः पुरणः ( आप ही देव है आप ही पुरुष है आप ही पुराण है आप ही सम्पूर्ण सृष्टि के संहारक , पालनहार है ) एक समय ऐसा भी आता है जब हमे न तो भागवत सहारा दिखता है न ही मानवीय सहारा दिखता है | उस परिस्थिति मे चित्त को केवल व केवल शन्ति का अनुभव चाहिये होता है | और उस समय सम्पूर्ण विश्व मे किसी के पास भी इतनी शक्ति ( भगवान के गुप्त रूप मे आए बिना ) नहीं की वह आपकी मदत कर सके या आपके चित्त को शांत कर सके | उस समय प्रभु के अलावा कोई मदतार्थ के लिए नहीं आएगा | तो अगर आपको यह ज्ञात होगा की किस परिस्थिति मे कौन सा पाठ करना चाहिए और किस देवी , देवता की आराधना करनी चाहिए ताकि आपको जल्द से जल्द मानसिक और दैहिक उत्पीड़न से मुक्ति मिल सके | तो आप अवश्य ही आस्तिकजगत के मध्याम से बताए गए नियमों का अवस्य पालन करेंगे | यहा पर ध्यान दीजिए आध्यात्मिक उन्नति , मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा होने से जीवन मे क्या लाभ मिलता है |
- आध्यात्मिक उन्नति – ध्यान और पाठ से आत्मा को शांति मिलती है।
- मानसिक शांति – मन शांत और केंद्रित रहता है, जिससे तनाव कम होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – घर और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
- राशि और ग्रह दोषों से राहत – सही समय पर पाठ करने से ज्योतिषीय दोष कम हो सकते हैं।
- ईश्वरीय कृपा – जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है |
श्रद्धालुओ आज हम आस्तिकजगत के माध्यम से जनेने की विषम परिस्थिति मे हतोत्साहित होने पर कौन सा पाठ करना चाहिए | और किस देवी / देवता की आराधना करनी चाहिए |
1. शक्ति विहीन होने परः दुर्गा सप्तशती का पाठ
2. मन अशांत होने परः श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ
3. प्रतिष्ठा के लिए: रामचरितमानस का पाठ
4. परिवार में कलह होने: श्रीसत्यनारायण कथा
5. किसी भी प्रकार की बाधा आने पर: बजरंग बाण का पाठ
6. धन की समस्या होने परः कनकधारा स्तोत्र का पाठ
7. बीमारी के लिए: महामृत्युंजय मंत्र का पाठ
8. शत्रुओं से मुक्ति के लिए: दुर्गा चालीसा का पाठ
9. कर्ज से मुक्ति के लिएः ऋणमोचन मंगल स्तोत्र
10. आत्मविश्वास की कमीः हनुमान चालीसा का पाठ