उचित समय पर कौन सा पाठ करे ?

Getting your Trinity Audio player ready...

उचित समय पर कौन सा पाठ करे ?

उचित समय पर देवी-देवताओं के पाठ और भक्ति करने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है। यह न केवल आध्यात्मिक रूप से लाभकारी होता है, बल्कि मानसिक तनाव, नकारात्मकता और अशुभ प्रभावों को भी कम करता है | जैसा की हम जानते है ईश्वर ही सब कुछ है त्वमाधि देवः पुरुषः पुरणः ( आप ही देव है आप ही पुरुष है आप ही पुराण है आप ही सम्पूर्ण सृष्टि के संहारक , पालनहार है  ) एक समय ऐसा भी आता है जब हमे न तो भागवत सहारा दिखता है न ही मानवीय सहारा दिखता है | उस परिस्थिति मे चित्त को केवल व केवल शन्ति का अनुभव चाहिये होता है  | और उस समय सम्पूर्ण विश्व मे किसी के पास भी इतनी शक्ति ( भगवान  के गुप्त रूप मे आए बिना ) नहीं की वह आपकी मदत कर सके या आपके चित्त को शांत कर सके | उस समय प्रभु के अलावा कोई मदतार्थ के लिए नहीं आएगा | तो अगर आपको यह ज्ञात होगा की किस परिस्थिति मे कौन सा पाठ करना चाहिए और किस देवी , देवता की आराधना करनी चाहिए ताकि आपको जल्द से जल्द मानसिक और दैहिक उत्पीड़न से मुक्ति मिल सके | तो आप अवश्य ही आस्तिकजगत के मध्याम से बताए गए नियमों का अवस्य पालन करेंगे | यहा पर ध्यान दीजिए आध्यात्मिक उन्नति , मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा होने से जीवन मे क्या लाभ मिलता है |

  • आध्यात्मिक उन्नति – ध्यान और पाठ से आत्मा को शांति मिलती है।
  • मानसिक शांति – मन शांत और केंद्रित रहता है, जिससे तनाव कम होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा – घर और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
  • राशि और ग्रह दोषों से राहत – सही समय पर पाठ करने से ज्योतिषीय दोष कम हो सकते हैं।
  • ईश्वरीय कृपा – जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है |

श्रद्धालुओ आज हम आस्तिकजगत के माध्यम से जनेने की विषम परिस्थिति मे हतोत्साहित होने पर कौन सा पाठ करना चाहिए | और किस देवी / देवता की आराधना करनी चाहिए | 

1. शक्ति विहीन होने परः  दुर्गा सप्तशती का पाठ

2. मन अशांत होने परः  श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ

3. प्रतिष्ठा के लिए:  रामचरितमानस का पाठ

4. परिवार में कलह होने:  श्रीसत्यनारायण कथा

5. किसी भी प्रकार की बाधा आने पर:  बजरंग बाण का पाठ

6. धन की समस्या होने परः  कनकधारा स्तोत्र का पाठ

7. बीमारी के लिए:  महामृत्युंजय मंत्र का पाठ

8. शत्रुओं से मुक्ति के लिए:  दुर्गा चालीसा का पाठ

9. कर्ज से मुक्ति के लिएः  ऋणमोचन मंगल स्तोत्र

10. आत्मविश्वास की कमीः  हनुमान चालीसा का पाठ

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top